अरि मर्दन है तू ...
नारी
तू अरि चंडिका
तू शक्ति रूपा
तू भक्ति रूपा !
भू डोलन तू
आंदोलन तू
भय हारिणि
अवलोकन तू !
नर्तन तू
गायन है तू
शंख नाद संग
ताण्डव है तू !
खण्ड अखण्ड
नव नूतन है तू
वंदन है
अभिनंदन है तू !
रणचण्डी
मन मंडन है तू
तीनों भुबनेश्वर करें आरती
भव भंजन
अरि मर्दन है तू !
डा इन्दिरा गुप्ता
स्व रचित
नारी के रुप को बखूबी उकेरा है सखी आप ने
ReplyDeleteबहुत सुन्दर 👌
शुक्रिया सखी
Deleteवाह!!बहुत सुंदर !!
ReplyDeleteआभार 🙏
ReplyDeleteवाह !
ReplyDeleteदृष्टि अगर पैनी हो तो यही कहेगा हर कोई
"नारी कैसी शान है तेरी हर तस्वीर महान है तेरी "।
बहुत सुंदर
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