आधा सा ..
हर तरफ झूट के किस्से
अश्क आधे रूह आधी सी !
कोई कैसे जिये मुकम्मल सा
बात आधी सी रात आधी सी !
वो आये दर को छू कर चले गये
सजदा आधा सा अदब आधी सी !
शब की शाम चाँद भी निकला
दिखी बादल मैं झलक आधी सी !
कैसे आगाज हो कयामत का
कुफ्र आधा सा अजान आधी सी !
अपनों की बात क्या करें "इन्दिरा "
इश्क आधा सा चाह आधी सी !
डा इन्दिरा ✍
इश्क आधा सा चाह आधी सी
ReplyDeleteवाह...
नायाब
सादर
अति अति आभार सखी यशोदा जी ...काव्य के आत्म कथन को पहचाना ! साधुवाद 🙏
ReplyDeleteवाह सखी क्या खूब लिखा। आनंद आगया।
ReplyDeleteकुछ आप के लिए .....
आधी अधूरी जिंदगी जीता रहा हूँ मै
अपने ही आँसुओं को पीता रहा हूँ मै
तुम थाम लो मुझे तो मै पूर्ण हो जाऊँ
तेरे विरह में खुद को खोता रहा हूँ मै
स्वागत है सखी आपकी अति सुन्दर पंक्तियों के लिये ...नमन
ReplyDeleteऔर शुक्रिया लेखन अनुमोदन के लिये !
बहुत कुछ न कहते हुए भी बहुत कुछ कह दिया इन शब्दों में ...
ReplyDeleteगहरे उतरने का आभार !
Deleteवाह लाजवाब मीता बैजोड़ एक आधे से फलसफे का आधा हिस्सा करते हैं अर्पित आपको पुरा.. .
ReplyDeleteआधे नेह मे छुपी रहती
और आधे की प्यास
पुरा जो हो जाय तो
क्या रहे कोई आस
कहते कान्हा राधा
का प्यार रहा था आधा
आज भी विश्व मानस
पर है संजोया ताजा
सच ये है कि मिले तो सही
नेह पुरा हो या आधा ।
सुखद प्रतिक्रिया से भर दिया दामन आपने मीता साधुवाद 🙏
ReplyDeleteअप्रतिम मीता अप्रतिम ..सुखद एहसास भरे लेखन मैं कह दी सच्ची बात
आधे अधूरे नेह के कारण राधेश्याम अमर विश्वास !
🙏🙏🙏🙏🙏
वाह!!लाजवाब!!
ReplyDelete🙏शुक्रिया
Deleteवाह अति उत्तम. बहुत दिलकश रचना
ReplyDeleteअश्क आधे रूह आधी सी !......
नमन सुधा जी लेखन को उत्साह मिला
Deleteनायाब है
ReplyDeleteये आधी सी रात आधी सी !
शुक्रिया
Deleteवाहह...बेहद..सुंदर रचना
ReplyDeleteप्रिय इन्दिरा जी..👌👌
शुक्रिया ऐसी रूहानी लेखन की तो आप मलिका है प्रिय श्वेता जी
Deleteआभार
आपकी लिखी रचना आज के "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 15 एप्रिल 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteभूल सुधार.. "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 22 एप्रिल 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteआभार सखी यशोदा जी लेखन को सम्मान देने का और मेरा उत्साह वर्धन का ! 🙏
ReplyDelete"अपनों की बात क्या करें "इन्दिरा "
ReplyDeleteइश्क आधा सा चाह आधी सी !"
बहुत खूब.
वो आये दर को छू कर चले गये
ReplyDeleteसजदा आधा सा अदब आधी सी !
वाह!!!
बहुत सुन्दर...लाजवाब...