Skip to main content

अहसास

अहसास ...💦

रेत
का जर्रा हूँ
कुछ नमी लिये हुए
मुट्ठी
में भींचे हूँ
कुछ
अश्क सूखे हुए !
मारिचिका
सा लुभाता
कहीं
दूर कोई ख्याल
सूखे लबों
पे प्यास की
हसरत लिये हुए !

डा इन्दिरा  ✍

Comments

  1. वाह दीदी जी गहरी सुंदर अभिव्यक्ति 👌

    ReplyDelete
  2. स्नेहिल आभार भाई 😁🙏

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

वीरांगना सूजा कँवर राजपुरोहित मारवाड़ की लक्ष्मी बाई

वीर बहुटी वीरांगना सूजा कँवर राज पुरोहित मारवाड़ की लक्ष्मी बाई ..✊ सन 1857 ----1902  काल जीवन पथ था सूजा कँवर  राज पुरोहित का ! मारवाड़ की ऐसी वीरांगना जिसने 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्र...

वीर बहुटी जालौर की वीरांगना हीरा दे

वीर बहुटी जालौर की वीरांगना हीरा दे सम्वत 1363(सन 1311) मंगल वार  वैशाख सुदी 5 को दहिया हीरा दे का पति जालौर दुर्ग के गुप्त भेद अल्लाउद्दीन खिलजी को बताने के पारितोषिक  स्वरूप मिले ...

वीरांगना रानी द्रौपदी

वीरांगना रानी द्रौपदी धार क्षेत्र क्राँति की सूत्रधार .! रानी द्रौपदी निसंदेह ही एक प्रसिद्ध वीरांगना हुई है जिनके बारे मैं लोगों को बहुत कम जानकारी है ! छोटी से रियासत की ...