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मौन शोध

मौन शोध ....

मौन तोड़ क्यूँ बात करें
पुनि घात और प्रतिघात करें
बेहतर थोड़ा सा चुप रह कर
मन से मन की बात करें !

चिंतन और मनन की संतति
मौन सुपुत्र सा ही साजे
रार प्रतिकार उसे नहीं भाता
हर मन का संताप हरे !

मौन विधा अति सुन्दर सुथरी
कभी ना कोई अहित करें
ना दूजे का ना ही खुद का
मौन  रहे बस शोध करे !

डा इन्दिरा  ✍

Comments

  1. आदरणीय सखी
    कल मेरी धरोहर में टूटेगा मौन
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. वाह सखी यशोदा ....

      मौन धरोहर में गया
      क्या अचरज की बात
      साधारण को असाधारण
      बना दिया सखी आज !
      🙏🙏🙏🙏

      Delete
  2. बहुत सुंदर रचना..
    बेहतर है..
    पुनि घात और प्रतिघात करें
    बेहतर थोड़ा सा चुप रह कर

    ReplyDelete
  3. वाह आज तो मौन ने गुणी जनो की याद दिला दी ।
    उत्तम।
    मौनं सर्वार्थसाधनम् । ( मौन सारे काम बना देता है )

    पावस देखि रहीम मन, कोयल साधै मौन
    अब दादुर बकता भए, हमको पूछत कौन ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. शानदार प्रतिक्रिया मीता

      Delete
  4. वाह दीदी जी
    मौन ज्ञान भंडार है

    ReplyDelete

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