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बिसरा संकल्प

बिसरा संकल्प ....☝

धधक धधक कर जल रही
जाने कब से नार
जाने कब तक और जलेगी
राख हो रहे सब मन भाव !
केवल पीड़ा ही भाग्य लिखी
नारी के जीवन में विधना
कौन कलम लेकर कर  दी
नारी के जीवन की रचना !
दर्द ,  प्रताड़ना ,  ठोकर ,  तृष्णा
हर कष्ट लिखा या लिखवाया
नर और नारी दोनों रचे
फिर भेद भाव क्यों दर्शाया !
हे नारायण पुनि करो विवेचन
अपनी तूलिका पर गौर करो
यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया
गहन विचार पुनि  लेख लिखो !
जगत नियंता कुछ तो सोचो
विधान तेरा प्रश्न चिन्ह बना
तुम तो सम द्रष्टि कहलाते
फिर  भेद भाव नहीं जंचता !
सतयुग ,त्रेता और  द्वापर
सब युग चर्चा करते बीते
इस कलयुग में पराकाष्ठा
छल कपट नभ को छूते !
नारायण तेरा संकल्प सुना था
धर्म मिटे तब आऊंगा
पुनि अवतरित होऊं धरा पर
जब कोई आर्त पुकारेगा !
अब आर्त स्वर की पूर्ण व्याख्या
हे मधुसूदन तुम स्वयं करो
कौन स्वर में तुम्हें पुकारे
तब द्रवित नाथ होकर प्रगटो!
व्यर्थ ना लांछन लगा रहे हम
तुम  घट घट वासी हो कान्हा
बिसरा संकल्प याद दिलाते
झूटा ना पड़े तेरा वादा !

डा इन्दिरा  ✍





Comments

  1. बहुत ही सुन्दर रचना
    हे नारायण पुनि करो विवेचन
    अपनी तूलिका पर गौर करो
    यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया
    गहन विचार पुनि लेख लिखो !
    जगत नियंता कुछ तो सोचो

    ReplyDelete
    Replies
    1. 🙏आभार अनुराधा जी ..कान्हा के साथ हर मन मैं प्रश्न जगाना ही मेरे काव्य का उद्देश्य ....धन्यवाद

      Delete
  2. वाह !!!बहुत खूब....मन को छू गई आप की रचना। लाजवाब शब्द चयन।

    ReplyDelete
    Replies
    1. काव्य लेखन को सार्थकता और लेखनी को प्रवाह मिल गया सरस प्रतिक्रिया से ! 🙏

      Delete
  3. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक १६ जुलाई २०१८ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    ReplyDelete
  4. : ¸.•*""*•.¸ ¸.•*""*•.¸ ¸.•*""*•.¸
    🌺🌻🌹🌷🌼🌸💐🍄🌲🌳
    राधे राधे💐
    🌹जय श्री कृष्ण🌹
    🚩जय राधे कृष्ण🌻
    🙏🙏

    ReplyDelete

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