किस्मत की बिसात ...
किस्मत की क्या बात कहे
किस्मत की अजब बिसात
किस्मत ने कर डाले भय्या
कई अजब से काज !
लक्ष्मी नारायण भीख मांगते
दुर्बल सिंह मुटियाये
शांति बहन रहे अशांत सी
दिन दिन भर बतियाये !
शेर सिंह की बजे अस्थियां
पहलवान सिंह सूखे
पतलू राम एक बार मैं
सौ सौ पूरी ठूंसे !
हाकिम सिंह बोझा ढोते
दास बाबू हुकुम चलाये
उलट पुलट हो जाती दुनियाँ
जब किस्मत चक्र चलाये !
अंतरंगी सी इस दुनियाँ की
अंतरंगी हर बात
काली कोयल मीठी बोले
कड़वी नीमोली मीठी हुई जाय !
सो भय्या कान दबाय के
चुप्पे जिये जाओ
किस्मत रानी जाने कब तोये
जीवन चौसर देय जिताय !
डा .इन्दिरा .✍
लक्ष्मी नारायण भीख मांगते
ReplyDeleteदुर्बल सिंह मुटियाये
शांति बहन रहे अशांत सी
दिन दिन भर बतियाये !
शेर सिंह की बजे अस्थियां
पहलवान सिंह सूखे
पतलू राम एक बार मैं
सौ सौ पूरी ठूंसे !
हाकिम सिंह बोझा ढोते
दास बाबू हुकुम चलाये
उलट पुलट हो जाती दुनियाँ वाह बेहतरीन रचना इंदिरा जी 👌👌 सच्चाई पेश की आपने
प्रिय अनुराधा जी ...नित्य प्रति की यही हकीकत ...😋😋
Deleteलाख पते की बात कही
ReplyDeleteसेंधा नमक लगाय
नाम से कुछ न होत है
जब किस्मत रिसिआय
हसी हसी में आप ने
खेला दियो बताय
मनवा तो बौराया है
सोचे की मुस्काय
लाजवाब सखी बहुत गहरी सोच और
खूबसूरत व्यंग का सही मिलन
अद्भुत सृजन
👏👏👏👏👏👏👏👏वाह वाह वाह नहले पर दहले सी प्रतिक्रिया ...सखी नीतू लाजवाब
Deleteमनवा तो बोरा गया
सोच सोच मुस्काय
सखी री तेरी लेखनी
मेरो मान बढ़ाय !
🙏🙏🙏🙏
😁😂 स्नेहिल आभार भाई अमित जी ....मुझे भी लिखते समय कका हाथरसी ही याद आ रहे थे ...आपने सही पकड़ा bro ...पर कहाँ काका की दिव्य कलम कहाँ मेरी अदना सी लेखनी ....
ReplyDeleteपर आपकी प्रतिक्रिया से आपके ज्ञान का भान हुआ ...👍👍👍👍👍👍👍👍
बहुत उम्दा
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक ३० जुलाई २०१८ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
वाह वाह क्या बात है विपरीत परिणाम वाले ना म भी किस्मत का खेल है भईया
ReplyDeleteलक्ष्मी बाई उपला चुगे
अमीर चंद गये स्वर्ग सिधार
सुखिया के भाग्य सिर्फ दुख
दाता राम कंजूस नम्बर एक।
बहुत सुंदर रचना मीता ।
बहुत ही लाजवाब ... तीखी व्यंग की धार ....
ReplyDeleteगज़ब की अभिव्यक्ति ...