Skip to main content

जीवन / संतुलन

जीवन एक संधान !

मन संतुलन राखिये
सुख दुख एक समान
हर्ष विषाद एक तराजू
खुद को वस्तु मान !
प्राणी जीवन एक संधान ........
हर पल हर क्षण तुल रहे
तुल रहे है  बिन  भाव
तोला माशा जिंदगी
नाप सके तो नाप !
प्राणी जीवन एक संधान .....
कदम जिंदगी मैं सदा
फूंक  धरो ही जाय
बिना बिचारे जो करें
सम पाछे पछताय
प्राणी जीवन एक संधान .....

डा इन्दिरा .✍
स्व रचित

Comments

Popular posts from this blog

वीरांगना सूजा कँवर राजपुरोहित मारवाड़ की लक्ष्मी बाई

वीर बहुटी वीरांगना सूजा कँवर राज पुरोहित मारवाड़ की लक्ष्मी बाई ..✊ सन 1857 ----1902  काल जीवन पथ था सूजा कँवर  राज पुरोहित का ! मारवाड़ की ऐसी वीरांगना जिसने 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्र...

वीर बहुटी जालौर की वीरांगना हीरा दे

वीर बहुटी जालौर की वीरांगना हीरा दे सम्वत 1363(सन 1311) मंगल वार  वैशाख सुदी 5 को दहिया हीरा दे का पति जालौर दुर्ग के गुप्त भेद अल्लाउद्दीन खिलजी को बताने के पारितोषिक  स्वरूप मिले ...

वीरांगना रानी द्रौपदी

वीरांगना रानी द्रौपदी धार क्षेत्र क्राँति की सूत्रधार .! रानी द्रौपदी निसंदेह ही एक प्रसिद्ध वीरांगना हुई है जिनके बारे मैं लोगों को बहुत कम जानकारी है ! छोटी से रियासत की ...