Skip to main content

छठ पूजा

छठ पूजा ...

दिनकर तुम साक्षी रहना
मेरे व्रत तप अर्चन के
परिजन प्रियजन सब सुख पाये
मेरे इस जल अर्पण से !
नहीं जानती शब्द अलंकृत
नहीं जानती व्रत पूजा
सरल भाव स्वीकार करो
हे सवितु मेरी पूजा !
रूखा सूखा जो भी बनाया
सहर्ष भाव प्रभु अर्पण है
टूटे फूटे से शब्दों से
भक्ति भाव प्रभु वंदन है !
में हूँ अकिंचन माँ छठ पूजा
पूजा विधि कछु ना जानू
अश्रु जल कण सींच सींच कर
पद पंकज आज पखारू !
मन तन की तू जानन हारी
तुझको क्या कह में मांगू
शुभ लाभ की दाता मय्या
इतना ही बस में जानू !
घाट किनारे खड़ी निर्जला
हाथ जोड़ नत मस्तक है
पूजा मेरी स्वीकार करो माँ
दास्य भाव हिय अर्पण है !

डा इन्दिरा गुप्ता
स्व रचित


Comments

  1. बहुत सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  2. बहुत ही सुन्दर रचना .. प्रार्थना माँ छठ की सेवा में ....

    ReplyDelete
  3. भक्ति भाव से ओत -प्रोत रचना मन को छू गयी

    ReplyDelete
  4. भक्ति मय पावन रचना ।🙏

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

वीरांगना सूजा कँवर राजपुरोहित मारवाड़ की लक्ष्मी बाई

वीर बहुटी वीरांगना सूजा कँवर राज पुरोहित मारवाड़ की लक्ष्मी बाई ..✊ सन 1857 ----1902  काल जीवन पथ था सूजा कँवर  राज पुरोहित का ! मारवाड़ की ऐसी वीरांगना जिसने 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्र...

वीर बहुटी जालौर की वीरांगना हीरा दे

वीर बहुटी जालौर की वीरांगना हीरा दे सम्वत 1363(सन 1311) मंगल वार  वैशाख सुदी 5 को दहिया हीरा दे का पति जालौर दुर्ग के गुप्त भेद अल्लाउद्दीन खिलजी को बताने के पारितोषिक  स्वरूप मिले ...

वीरांगना रानी द्रौपदी

वीरांगना रानी द्रौपदी धार क्षेत्र क्राँति की सूत्रधार .! रानी द्रौपदी निसंदेह ही एक प्रसिद्ध वीरांगना हुई है जिनके बारे मैं लोगों को बहुत कम जानकारी है ! छोटी से रियासत की ...