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संतति

संतति ...

मनु 🌸

माँ क्यारी का  केसर है  तू
या मात्रत्व की उठती उमंग
पिता का पुरुषार्थ भाव या
उसका सम्बल सा  स्कन्ध !

पूर्व जन्म पुण्य प्रगटे
जो तू आँचल में आया
क्या कह करूं तुझे सम्बोधित
तूतो है मेरा साया !

पुत्र गर्वीता मात कहाऊ
रश्क करूं खुद अपने से
लफ्ज लफ्ज में स्वयं बह रही
तेरे दिल तक मेरे हिय से !

डा इन्दिरा .✍

Comments

  1. वाह! अति सुंदर!! बधाई और आभार!!!

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  2. मातृत्व पर बहुत प्यारी अभिव्यक्ति मीता
    संसार में संतान से गहरा और कोई रिश्ता नही
    जैसे स्वयं के बालपन को देखना जैसे सृष्टि सृजन में सहायक जैसे नव जीवन !!
    वाह वाह।

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    Replies
    1. 👌👌👌बेहतरीन प्रतिक्रिया मीता सहज भाव लिये

      Delete
  3. शुक्रिया आपने क्या लिखा समझ नहीं आया क्षमा

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  4. माँ की ममता दर्शाती सुन्दर रचना।

    ReplyDelete

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