नारी ....
शक्ति रूपा
या चण्डीका
भक्ति रूपा
अभी नन्दन
तू ,
भू दोलन
आन्दोलन
रक्षित रूप
सहस्त्र कर
तू ,
सव्य धारिणी
भय हारीणी
अवलोकन
और विमोचन
तू ,
नूतन किसलय
रूप चन्द्रिका
अमि कलश
कमलदल
तू ,
नर्तन
गायन और
प्रलयंकर
शिव शक्ति
ताण्डव हैं
तू ,
चिर
सृजन भाव
अंकुरण
चाव
हृदय भाव
विहंगम
तू ॥
डॉ इन्दिरा गुप्ता
बहुत ख़ूब सखी 👌
ReplyDeleteनारी की महिमा
सादर
नव शब्दांजली, मिला विश्व उनवान
ReplyDeleteजय हो नारी शक्ति की ,मिली अलग पहचान..!!