ये इश्क इश्क .....
इश्क दिवानी राधिका
या मीरा दबंग
चढ़ चौबारे बोलता
जब बजे इश्क की चंग -चंग
ये इश्क-इश्क , ये इश्क- इश्क ....
जब बजे इश्क की चंग
फिरे दीवाना मारा
इकला मगन फिरे खुद मेंं
दिखता केवल यारा- यारा
ये इश्क - इश्क , ये इश्क - इश्क .....
इश्क रहे मलंग सा
सूफी पीर समान
हिय इकतारे मेंं बजे
सिर्फ इश्क का नाम -नाम
ये इश्क - इश्क , ये इश्क -इश्क ...
इश्क खुदी अरदास हैं
या कहो पाक अज़ान
इश्क बिना कब मिल सका
खुदा , अल्लाह , भगवान -नाम
ये इश्क - इश्क, ये इश्क -इश्क ...
डॉ इन्दिरा गुप्ता
स्व रचित
ये इश्क खुदी अरदास है
ReplyDeleteया कहो पाक अज़ान
इश्क बिना कब मिल सका
खुद अल्लाह भगवान नाम
ये इश्क-इश्क , बहुत खूब
शुक्रिया ऋतु जी
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