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रात

रात ...

ए रात तुझे में क्या लिखूं
अंत लिखूं या आगाज लिखूं
ए रात तुझे में क्या लिखूं ........

आज कल या विगत काल का
मधुर मिलन अनुराग लिखूं ,
तारों वाली ओढ़ चुनरिया
नव वधु का प्रीत विधान लिखूं !
ए रात तुझे में क्या लिखूं .................

नवल प्रभात से बेकल  रिश्ता
या दिनकर का ताप लिखूं ,
शीतल शशि का विरह विहंगम
या घटे चन्द्र संताप लिखूं !
ए रात बता तुझे क्या लिखूं ...........

नभ का व्यापक विस्तार लिखूं
या नव प्रभात परवाज़ लिखूं ,
जुगनू की झंकार लिखूं या
तारों भरी कतार लिखूं !
ए रात तुझे में मया लिखूं ..........

शुभ अशुभ ज्ञात अज्ञात सा
मिलन भाव अनुराग लिखूं ,
या चातक की अतृप्त प्यास का
तृसित भाव अभिशाप लिखूं !
ए रात बहता तुझे क्या लिखूं .......

डॉ इन्दिरा गुप्ता

Comments

  1. वाह!बहुत खूबसूरत..

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  2. वाह ... बहुत लाजवाब और दिलचस्प लिखा है ... इस रात के सहारे दिल के जज़्बात लिख दिए सारे ...

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