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Showing posts from March, 2019

रात

रात ... ए रात तुझे में क्या लिखूं अंत लिखूं या आगाज लिखूं ए रात तुझे में क्या लिखूं ........ आज कल या विगत काल का मधुर मिलन अनुराग लिखूं , तारों वाली ओढ़ चुनरिया नव वधु का प्रीत विधान लिखूं ! ए रात तुझे में क्या लिखूं ................. नवल प्रभात से बेकल  रिश्ता या दिनकर का ताप लिखूं , शीतल शशि का विरह विहंगम या घटे चन्द्र संताप लिखूं ! ए रात बता तुझे क्या लिखूं ........... नभ का व्यापक विस्तार लिखूं या नव प्रभात परवाज़ लिखूं , जुगनू की झंकार लिखूं या तारों भरी कतार लिखूं ! ए रात तुझे में मया लिखूं .......... शुभ अशुभ ज्ञात अज्ञात सा मिलन भाव अनुराग लिखूं , या चातक की अतृप्त प्यास का तृसित भाव अभिशाप लिखूं ! ए रात बहता तुझे क्या लिखूं ....... डॉ इन्दिरा गुप्ता

काव्य / फेसबुक और वाट्सअप

काव्य /फेस बुक और वाट्सअप श्रोता वक्ता हो गये वक्ता है अब मौन दादुर व्याख्याता हुए कोयल को पूछे कौन ! कवि गोष्ठी ना कहो चौपाल को भान कराय ऐरा गैरा कवि बना कविगण ही कवि अब नाय ! फेस बुक अब फेक है नही दिमाग का काम इत उत चोरी कर लिखे फारवर्ड रस व्याप्त ! वाट्सअप बाजार मै मची है भारी धूम उल्टी सीढ़ी पंक्तियाँ बूम कर रही खूब ! गुणीजन तो चुप चाप है साधे  है सब मौन स्वांग धरे है स्वागिया काव्य हो रहा गौण ! डॉ इन्दिरा गुप्ता