रानी तपस्वनी अर्थात ब्रम्ह तेज क्रमशः 13 सैनिक छावनी भक्तों को भेजती विद्रोह फैलाने खातिर मैं "काला निगर" कहते है तुमको तुमको तुच्छ रूप देखते जालिम 14 बहुरुपीये जाकर छावनी विद्रोह की बातैं करते थे हिन्दू सैनिकों के मन मैं विद्रोह भयंकर भरते थे ! 15 हमैं लूटने आये है ये सब लूट लाट ले जायेंगे तुम्हारा वेतन खुद नहीं देते देखो लूट देश खा जायेंगे ! 16 सैनिकों मैं विद्रोह जगाया अब सैनिक जाग रहे थे पूरी छावनी विद्रोह कर उठी अंग्रेज धोखा भांप गये थे ! 17 सन 1857 मैं गदर काल मैं समझो नाना , तात्या रानी से मिलने आये थे विद्रोह की चर्चा हुई तभी थी अंग्रेज जान ना पाये थे ! 18 गाँव गाँव रोटियां भेजने की तब एक प्रथा थी भारी उसी आड़ मैं तपस्विनी जी चाल चल रही थी सारी ! 19 गाँव गाँव विद्रोह करने की सूचना घर घर भिजवाई साधु संन्यासी घर घर जाते हर व्यक्ति तक बात पहुंचाई ! 20 रानी के प्रभाव के कारण हर बस्ती मैं विद्रोह हुआ गाँव -गाँव और कस्बे -कस्बे लोगों ने रानी का साथ दिया ! 21 पर अंग्रेजों की ताकत ज्यादा थी नये हथियार और गोला बारी निहत्थी