वीरांगना रानी द्रौपदी धार क्षेत्र क्राँति की सूत्रधार .! रानी द्रौपदी निसंदेह ही एक प्रसिद्ध वीरांगना हुई है जिनके बारे मैं लोगों को बहुत कम जानकारी है ! छोटी से रियासत की रानी द्रौपदी बाई ने अपने कामों ये सिद्द कर दिया की भारतीय ललनाओ मैं भी रणचण्डी और दुर्गा का रक्त प्रवाहित है ! धार मध्य भारत का एक छोटा सा राज्य जहां के निसंतान राजा ने देहांत के एकदिन पहले ही अवयस्क छोटे भाई को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया 22 मैं 1857 को राजा का देहांत हो गया ! रानी द्रौपदी ने राज भार सँभला ! रानी द्रौपदी के मन मैं क्राँति की ज्वाला धधक रही थी रानी के राज संभालते ही क्राँति की लहर द्रुत गति से बह निकली ! रानी ने रामचंद्र बाबू को अपना दीवान नियुक्त किया वो जीवन भर रानी के समर्थक रहे ! सन 1857 मैं रानी ने ब्रितानिया का विरोध कर रहे क्रांतिकारीयों को पूर्ण सहयोग दिया सेना मैं वेतन पर अरब और अफगानी सैनिक नियुक्त किये जो अंग्रेजों को पसंद नहीं आया ! अंग्रेज रानी द्रौपदी की वीरता और साहस को जानते थे सम उनका खुल कर विरोध नहीं करते थे ! और रानी कभी अंग्रेजो से भयभीत नहीं हुई उनके खिलाफ क्रँतिक
जी, सही है कि लेखन माध्यम है मन का..
ReplyDeleteसुंदर रचना।
thanx
Deleteबहुत सुंदर और सच्ची कविता
ReplyDeleteलाजवाब अतुलनीय
शुक्रिया
Deleteबहुत खूबसूरत .... बहुत खूब
ReplyDeletethanx
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ReplyDeleteसुनो ध्यान से मसि की भाषा
ReplyDeleteमौन कह रही छंद कई
जीवन भर का गुणा भाग है
भाव सिक्त से शब्द कई !
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वाह दीदी वाह वाह वाह... बस इतना ही कह पा रहा हूँ। बस अप्रतिम.. वाह बहुत सुंदर कविता👌👌👌👏👏👏🙏
शुक्रिया bro आपकी वाह मैं भी जो बात है अविस्मरणीय है भाई
Deleteमन उत्साहित हो गया ..नमन
अप्रतिम सुंदर मीता लिखे हुए सिर्फ शब्द नही. ...
ReplyDeleteअतर के गहरे अनकहे भाव होते हैं वाह रचना
आप से बेहतर मेरे काव्य कौन समझ सकता है मीता आभार
Deleteबहुत बहुत अद्भुत असाधारण अप्रतिम।।।। नमन आपकी कलम को
ReplyDeleteआपकी प्रतिक्रिया साधरण को असाधारण बना देती है मौलिक जी आप जैसे एंकर आलोचक और कवि यदि सराहना करें तो लेखन सार्थक हो जाता है !
Deleteधन्यवाद