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उदास

उ + दास

दासत्व भाव जहाँ भी आता
उदास भाव छा जाए
दास भाव दासत्व की
पीड़ा सी दे जाए ।

पीड़ा सी दे जाए
मृतक सम मनवा डोले
जीवन -मरण ,यश -अपयश
भाव सदा  उदास से रहवे।।

विस्मृत सा होकर रहे
स्व मान -सम्मान
बिन डूबे ही डूब गया
यश ,मान और ज्ञान ।

डा इन्दिरा✍️

Comments

  1. Waah....Nishabd kar Diya aap ki udasi ne

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    Replies
    1. अति आभार नीतू जी आपकी सराहना उत्साह बढ़ा गई

      Delete
  2. उदास .....दासत्व भाव...
    बहुत ही सुन्दर....
    वाह!!!

    ReplyDelete
    Replies
    1. अतुल्य आभार सुधा जी

      Delete
  3. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक ५ मार्च २०१८ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    ReplyDelete
  4. दासत्व भाव से उदासी का चित्रण बहुत बढिया।

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  5. जीवन का नया दर्शन उकेर दिया आपने | दास भाव से दासत्व ? बहुत खूब !!!!!!!!!!!!! आदरणीय इंदिरा जी नये चिंतन से साक्षात्कार कराती रचना | हार्दिक बधाई |

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