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डरना

डरना
डरना और ठिठकना गति मैं
सदा पूर्णतः वर्जित है
डरा वही पल भक्षित कर गया
जीवन मैं जो भी अर्जित है !
कण कण  हिम गलता और बनता
क्षीर सिंधु सा जल विस्तार
बूँद बूँद प्रवाहित होकर
पाता  भागीरथी पदभार  !
जीवन पथ संचालित करता
हर पल करता अथक प्रयास
डर कर गर पीछे हट जाता
तो क्या ....
लिख पाता स्वर्णिम इतिहास !
डर  विप्लव है खण्डित मन है
आस और विश्वास से घात
भाव नपुंसक होता है डर
कर्म का करता जड़ से ह्रास !
चढ़ दौड़ो निश्चय कर मन मैं
डर को ना आस लगाने दो
आज निर्झर बने हो श्रम से
कल सागर सा लहराने दो !

डा इन्दिरा  ✍

Comments

  1. वाह दीदी जी डर कर भी आगे बढ़ने का हौसला देती बहुत सुंदर सकारात्मक रचना 👌👌👏👏

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  2. बहुत सुंदर, बेहतरीन रचना।

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  3. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे कोई सुमधुर ओपेरा संगीत चल रहा हो। आशावादी नज़रिये को अंतर्निहित किये प्रकृति सारे घटक नाट्य रूप में थिरक रहे हों। बहुत ही उत्तम।

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    1. हमेशा की तरह अप्रतिम और
      काव्य मई प्रतिक्रिया मौलिक जी अतुल्य आभार ! हम कृतार्थ हुए !
      आशा का संचार जहां हो वहां स्वरो का सँगीत मय होना स्वभाविक प्रक्रिया है !
      नमन आप ने काव्य को सुंदर तरीके से परिभाषित किया !

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  4. एक बहुत ही सुंदर, प्रभावित कर देने वाली पठनीय सामग्री एवं साज सज्जा युक्त शानदार ब्लॉग। आपको इस उपलब्धि के लिये ह्र्दयतल से अतुलनीय शुभाकांक्षाएँ। बधाइयाँ

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    1. शुक्रिया मौलिक जी अभी कुछ समय से ही ब्लॉग शुरू कर पाई हूँ आपकी हौसला अफजाई के लिये आभार ! 🙏

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  5. वाह क्या कहने डर पर जिसने विजय प्राप्त कर ले वो ही गतिमान है डर के रुकने वालों की कहानी भी रुक जाती है।
    निडर कर्म और गति का सुंदर आंकलन करती सुंदर रचना।

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    Replies
    1. 🙏आभार मीता जैसा की आसपास जानती हो कर्म भाव मेरा लेखन का प्रिय विषय रहा है ! आपकी रुचिकर प्रतिक्रिया ने इसे और भव्य बना दिया !

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  6. खुबसूरत संदेशों से सजी सुन्दर रचना!!!

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    Replies
    1. छोटी पर सुंदर प्रतिक्रिया विश्व मोहन जी

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  7. वाह!!लाजवाब ,संदेशात्मक रचना।

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  8. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 16 अप्रैल 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  9. बेहद सुन्दर रचना
    सुन्दर सीख देती....कर्मक्षेत्र में डटे रहो....डर कर कभी न रुको...
    बहुत लाजवाब...
    वाह!!!

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  10. वाह्ह्ह्
    बहुत ही उम्दा

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  11. बहुत सुंदर रचना प्रिय इन्दिरा जी।
    सकारात्मक संदेश देती रचना की बधाई।

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