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ब्रम्ह नाद

ब्रम्ह नाद 🍃

अद्भुत निराकार शिव शंकर
भाव विहंगम भरा हुआ
अर्चन,  पूजन,  मनन , चिंतन
कण कण मैं  जैसे व्याप्त हुआ !
शांत सलज सा हुआ आचमन
निश्छल जल की धार बहे
मानो शिव की जटा जुट मैं
गंगा निज अस्तित्व भरे !
नितांत शांत पावनता जैसा
दिशा दिशा गुंजार करें
नमः शिवाय ओम नमः शिवाय का
ब्रम्ह जगत मैं नाद बहे !

डा इन्दिरा  ✍

Comments

  1. वाह सुंदर अर्हत नाद मीता पवित्र , मन विभोर हुवा।
    श्लोक जैसा पावन गान

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  2. मन को पावन करती सुंदर स्तुति

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  3. बोहत ही सुंदर रचना ... बहुत सुन्दर 🙏

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  4. वाह आदरणीया बहुत सुंदर.....

    जय भोलेशंकर,प्रभु सुभङ्कर, दीनबन्धु कैलाशी
    लगी भस्म अंगा,जटा बीच गंगा,गाथा कहती काशी ।

    ReplyDelete

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