Skip to main content

उद्धव उवाच

उद्धव उवाच ..
जब उद्धव जी वृंदावन जाकर वापस मथुरा आये तो  कान्हा को समचार दिये .....उन भावों को काव्य मैं पिरोने का अधूरा सा प्रयास ....है मेरी ये रचना ! क्यों की भीगे एहसासों को कागज  पर उतरना ......असम्भव
.फिर भी लिखने का छोटा सा जतन .....🙏

सुनो सखा तुम नीक बिचारी
मोहे भेजन की बात निकारी
जब मैं पहुँचो वृंदावन मैं
सुनी पड़ी थी गलियां सारी !
मात यशोदा बूढ़ी है गई
आँखन से कछु सूझत नाय
तुमसो  गात श्याम रंग मेरो
ता भ्रम मोहे लापटाई  जाय !
अति नेह भरो आलिंगन
कान्हा मोसे बरनो ना  जाय
बूँद बूंद असुंअन से मय्या
मेरो अंग भिगोवत जाय !
भावातिरेक मैं आके मय्या
गले लगा कर चूमत जाय
भूल गयो मैं कान्हा नाही
ममता सागर मन बूढत जाय !
बाबा खड़े रहे देखते
हाथ फिरा मेरो सर सहलाय
चिबुक कसमसा रही बाबा की
मगर रुलाई रोक न पाय !
का कहूँ सखियन ग्वालन की
मोहे छू छू हरखे जाय
कान्ह तुम्हें नित छूते होंगे
वही जगह मोहे छुअन दो भाई !
राधे तो मेरे निकट ना आई
दूर से ही सैंनन बतराय
घूंघट पट ओट करें सयानी
नजर झुकाय के फेर उठाय !
झर झर असुआ बहते  वाके
पर मुख से कछु बोल ना पाय
पाँव अंगूठों धरती कुरेद कर
अपने हिय को घाव दिखाय !
तेरो कह्बो ......उनको सुनबो
सब कुछ मैं तो भूलों जाय
पुरो वृंदावन बूढ़ों सिसकी मैं
आह से मधुवन पजरत जाय !
ज्ञान ध्यान सब बह गयो मेरो
जाने कैसो हाल भयो
कब विदा भयो कब मथुरा पहुँचो
मोकु सब बीसराय रहो
श्याम सखा तुम नीक ना किन्हीं
काहे वृंदावन छोड़ कू आय
उनको नेह बह्तो अमृत घट
वाय  छोड़ मथुरा कू  धाय !

डा इन्दिरा ✍


Comments

  1. बहुत ही उम्दा 👌👌👌💐💐💐

    ReplyDelete
  2. बेहद उम्दा बेहद खूबसूरत रचना

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

वीरांगना सूजा कँवर राजपुरोहित मारवाड़ की लक्ष्मी बाई

वीर बहुटी वीरांगना सूजा कँवर राज पुरोहित मारवाड़ की लक्ष्मी बाई ..✊ सन 1857 ----1902  काल जीवन पथ था सूजा कँवर  राज पुरोहित का ! मारवाड़ की ऐसी वीरांगना जिसने 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्र...

वीर बहुटी जालौर की वीरांगना हीरा दे

वीर बहुटी जालौर की वीरांगना हीरा दे सम्वत 1363(सन 1311) मंगल वार  वैशाख सुदी 5 को दहिया हीरा दे का पति जालौर दुर्ग के गुप्त भेद अल्लाउद्दीन खिलजी को बताने के पारितोषिक  स्वरूप मिले ...

वीरांगना रानी द्रौपदी

वीरांगना रानी द्रौपदी धार क्षेत्र क्राँति की सूत्रधार .! रानी द्रौपदी निसंदेह ही एक प्रसिद्ध वीरांगना हुई है जिनके बारे मैं लोगों को बहुत कम जानकारी है ! छोटी से रियासत की ...