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खबर

खबर ...

खबर ओढ़ कर सो गई
नई खबर चुप चाप
कल रात फुट पाथ पर
मिली नई खबर जनाब !

सिकुड़ कर अखबार में
एक कॉलम भर गई
पुराने अखबार मैं रात
एक जिंदगी लिपट गई !

भूख की भागम भागी
और बाप की जिम्मेदारी
सबको निजात मिल गई
फुट पाथ खाली कर गई !

आज की ताजा खबर
लो एक और मौत
काली रात निगल गई
अखबार का कॉलम भर गई !

डा इन्दिरा ✍

Comments

  1. दारुण , मर्मस्पर्शी

    ReplyDelete
  2. वाह आदरणीया आपकी लेखन शक्ति अद्भुत है.....
    बहुत सुंदर व मार्मिक चित्रण

    ReplyDelete
  3. झकझोर गयी अंदर तक
    काश
    इन खबरों की कोई कब्र बन जाए
    और एसी घटनाए होते होते रह राहे
    काश
    दुनिया इस कदर बादल जाए
    शाम हर किसी की खुशियों में ढल जाए

    ReplyDelete

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