जनता का खुला पत्र मोदी जी के नाम ....
प्रथम
प्रणाम स्वीकार करें मान्यवर
जन सेवक कहलाते हो
माना बहुत अच्छा कर रहे
सब के मन को भाते हो !
नमोकार का मंत्र गूंजता
सिर्फ सुनाई देता
नाद की सिर्फ गूंज हो रही
तीजा नेत्र कहाँ खुलता !
नमो नाद का भजन तजो
अब ताण्डव की तैयारी हो
तीसरा नेत्र खोल दो अपना
ज्वलित भयंकर आंधी हो !
बहुत हो गया गाल बजाना
बहुत हो गई तैयारी
यलगार कर बिगुल बजा दो
धधक रही जनता सारी !
अबेर नहीं हो अब सेवक जी
एक इशारे भर की देरी है
तीनों सेना टूट पड़ेगी
दुश्मन राख की ढेरी है
डा इन्दिरा .✍
स्व रचित
(सर्वाधिकार सुरक्षित )
वाह सखी शब्दों से ज्वाला निकल रही है
ReplyDeleteबहुत ही धारदार रचना। मोदी जी के नाम संदेश या दुश्मनों के मौत का फरमान।
बहुत बढ़िया ज्वलंत रचना।
वाहः
ReplyDeleteबहुत शानदार