आहट ... कभी दबी सी आहट होती थम थम के रुक जाती है जैसे कोई धीरे धीरे सोच सोच कर चलता है ! कुछ कहूँ या चुप रह जाऊं उलझन मैं जज्बात रहा कहते कहते रुक सा जाता रुकते रुकते कह जाता ! अल्फा...
बिसरा संकल्प ....☝ धधक धधक कर जल रही जाने कब से नार जाने कब तक और जलेगी राख हो रहे सब मन भाव ! केवल पीड़ा ही भाग्य लिखी नारी के जीवन में विधना कौन कलम लेकर कर दी नारी के जीवन की रचना ! ...
शुभ कामना "पाँच लिंको का आनंद " के तीन वर्ष पूर्ण होने पर ..💐 पाँच लिंक का आनंद अनूठा पंचतंत्र की व्याख्या सा पाँच लिंक का मंच है उत्कृष्ट काव्य जगत मन भावन सा ! 🌺 क्या कैसे उदभ...
गगन बजी दुंदुभी .... गरज लरज ये कौन आ धमकी कौन आवन की बजे दुंदुभी भगदड़ सी भई नभ के माही जल भरे बदरा भये सुरन्गी ! पुरवाई भी छेड़न लागी पात पात से खेलन लागी पुहुप विहँस करें सब बतिय...
विश्वास .... आज अंधेरी रात तो क्या है कल की भोर तो मेरी है रात अश्क से चाहे पुरनम भोर की लाली मेरी है ! नहीं डरा सकता है कोई मुझे अंधेरे कौनो से चाहे जितनी घात लगाले भोर प्रभाती मे...
वीर बहुटी जालौर की वीरांगना हीरा दे ... क्रमशः ..... 20 राजपूत सब शाक कर रहे महलों के सारे द्वार खुले ललनाए अग्नि प्रवेश कर रही जौहर की प्रचण्ड सी ज्वाल जले ! 21 भीषण कल्पना से हीरा दे स...