में में .... में में ही करता रहा में में ही किये जाय इसी में के कारणे में ही काटा जाये ! में ही में को ढूंढता मैं को में की प्यास में हटे तब ही मिटे में मैं की ये प्यास ! में में करें क्...
साँझ ढले .. साँझ ढले ही आ जाती है हर जलते दीपक के साथ यादै जलती धीरे धीरे हर जलते दीपक के साथ ! साँझ अकेली बैठी बैठी सोच रही एक ही बात कौन दे गया जाते जाते जीवन भर का ये अवसाद ! डा इन...
वीर बहुटी वीरांगना ईश्वरी कुमारी ( अवध की रानी लक्ष्मी बाई ) क्रमशः 16 हजरत महल और बिरदिस सौपौ हमको तुमसे कोई उज्र नहीं निर्भय होकर राज करो या लड़ने हो जाओ खड़ी ! 17 सुन ईश्वरी धधक उ...
वीर बहुटी वीरांगना ईश्वरी कुमारी ! ( अवध की रानी लक्ष्मी बाई ) सन 1857 में बागी हुए अवध के राजे रजवाडों में से कई लखनऊ के पतन के बाद हवा का रुख देख कर अंग्रेजों से जा मिले ! पर कुछ आत...
पुत्र गर्विता माँ 💕 मेरे मन की शर शय्या पर भीष्म प्रतिज्ञा जैसा तू यक्ष प्रश्न सब हल कर रहा धर्म युधिष्ठर जैसा तू ! मेरे स्वपन गंग को तू ही खींच धरा पर ले आया अतृप्त मातृ मन ...
दस्तक कोई दे जाये ..🍁🍁 कुछ होश कुछ मदहोशी कुछ अनछुए अहसास पलकों में उतर आये कुछ अनदेखे ख्वाब ! 🍁 अरमान भी तुम ख्वाहिश भी तुम तुम धड़कन तुम्हीं करार नये रंग है नई अदा है नई शोखी न...
चितचोर 💕 राधे जी के महल मैं पहरों दियो लगाय कोई पुरुष अंदर नहीं आवे मुनादी करादी जाय ! भारी असमंजस पड गये कान्हा हाय रे दय्या कैसे होगी राधे बिन मोहे कल ना परत है बिन देखे कै...
कलम निगोड़ी ✒ 💌 क्या कह तुम्हें करूँ सम्बोधित लिखते लगती लाज प्रिय लिखते ही कलम निगोड़ी कंप जाता है हाथ ! जाने किस विधि लिखना चाहूँ मन के सब जज्बात शुरू कहाँ से कहाँ अंत करूं ...
नारी शक्ति को समर्पित ..🙏✊ मन मेरा क्रंदन करता है नारी के उत्पीड़न से नारी को भोग्या ही समझा ना वाकिफ उसके कौशल से ! अब भी सँभल जाओ मति मंदो अब अच्छे आसार नहीं तार तार सा आँचल ए...
वीर बहुटी वीरांगना सूजा कँवर राजपुरोहित मारवाड़ की लक्ष्मी बाई ✊ क्रमशः 15 बहादुर सिंह हक बक से रह गये ये क्या हुआ लाडनू में विश्वस्त लोगों को बुलवाया बात चीत चली जल्द बा...
वीर बहुटी वीरांगना सूजा कँवर राज पुरोहित मारवाड़ की लक्ष्मी बाई ..✊ सन 1857 ----1902 काल जीवन पथ था सूजा कँवर राज पुरोहित का ! मारवाड़ की ऐसी वीरांगना जिसने 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्र...