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Showing posts from April, 2019

विस्मय

विस्मय ...... विस्मय होता बादल मिलने रोज धरा पर धुंध बदल के क्यो आते नन्ही नन्ही बूंदो की पायल लाकर के पहना जाते ! कैसे यामिनी आँचल ओढ़े साथ जुगनुओं को लाती चमक दमक कर इत उत उड़ते ...