वीर तनय अभिनंदन .... सब मिल कर गुहार लगाओ केसरी नन्दन के दरबार मेंं अभिनंदन को प्रभु छुड़ाओ सकुशल लौटे घर बार मेंं ! बाल ना बांका हो उसका ना कोई उसको पीड़ा हो दुश्मन के हत्थे चढ़ा जरूर पर उसकी पूरी रक्षा हो ! वो अभी नन्दन,तू अंजनी नन्दन सुत हो सुत का रक्षण हो माँ से माँ का कौल रहा ना किंचित मात्र अवज्ञा हो ! सौगंध तुम्हे मारुति नन्दन पवन वेग प्रस्थान करो वीर तनय को ले आओ मन की शंका को शान्त करो ॥ डॉ इन्दिरा गुप्ता