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दस्तक कोई दे जाये

दस्तक कोई दे जाये ..🍁🍁

कुछ होश कुछ मदहोशी
कुछ अनछुए अहसास
पलकों में उतर आये
कुछ अनदेखे ख्वाब ! 🍁

अरमान भी तुम ख्वाहिश भी तुम
तुम धड़कन तुम्हीं करार
नये रंग है नई अदा है
नई शोखी नया अंदाज ! 🍁

तेरी यादै गुलमोहर सी
बिखरा हुआ पराग
दरीचौ से झांक रहा है
महका महका ख्वाब ! 🍁

हर लम्हा पहलू से गुजरे
धीरे से सहलाए
आहट की ख्वाहिश सी जागे
दस्तक कोई दे जाये ! 🍁

डा इन्दिरा  ✍

Comments

  1. वाह!!,बहुत खूब!!

    ReplyDelete
  2. यादों के झुले
    खूब तूने झूले
    अरमानों को छूले
    बगिया फूल फूले।
    वाह वाह सुंदर रचना।

    ReplyDelete
    Replies
    1. वाह बेहतरीन प्रतिक्रिया

      Delete
  3. बहुत सुन्दर
    सादर

    ReplyDelete

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