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सवाल / मलाल

सवाल / मलाल ...

जिंदगी पर सवाल क्या कीजे
हर तरफ है मलाल क्या कीजे !

जिसे समझते रहे वो गुरूर मेरा
हमारा था मिजाज क्या कीजे !

वो गुरूर सर पे उठाये चले गये
ऐसा नहीं अपना ख्याल क्या कीजे !

जरा सी वादे हवा से हिल जाते है
हम है तूफाने वफा तो क्या कीजे !

दो कदम साथ चले चल के रुक गये
ना रहा ताउम्र सफर क्या कीजे !

हर तरफ रेत रेत के से इरादे
हमारी चट्टानें वफा  तो क्या कीजे !

इरादतन वो भी नहीं होंगे ऐसे
हमको ये ही है गुमां तो क्या कीजे !

डा .इन्दिरा .✍

Comments

  1. बढ़िया रचना

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  2. उम्दा मुकम्मल गजल बेहतरीन शेर...

    जिसे समझते रहे वो गुरूर मेरा
    हमारा था मिजाज क्या कीजे !

    ReplyDelete
  3. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 17 जुलाई 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    ReplyDelete
  4. वाह बहुत सुंदर गजल

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  5. बहुत गहरी रचना
    लाजवाब लिखा ...खरी खरी
    बहुत सुन्दर 👌👌👌

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    Replies
    1. स्नेहिल आभार नीतू जी

      Delete
  6. शुक्रिया bro खूब पंक्तियाँ पकड़े हो

    ReplyDelete

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