अहसास ..
कुछ होश कुछ मदहोशी
कुछ अनछुए अहसास
पलकों में उतर आये
कुछ अनदेखे ख्वाब !
अरमान भी तुम ख्वाहिश भी तुम
तुम धड़कन तुम्हीं करार
नया रंग है नई अदा है
नई शोखी नया अंदाज !
तेरी यादै गुलमोहर सी
बिखरा हुआ पराग
दरिचौ से झाँक रहा है
महका हुआ गुलाब !
हर लम्हा पहलू से गुजरे
धीरे से सहलाये
आहट की ख्वाहिश सी जागे
दस्तक कोई दे जाये !
डा इन्दिरा ..✍
स्व रचित
वाह सखी लाजवाब रचना 👌👌👌
ReplyDeleteएहसास हीन जीवन ऐसा
रंगों के बिना जहां जैसा
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
सत्य सखी ..
Deleteआभार भाई अमित जी
ReplyDeleteअरमान भी तुम ख्वाहिश भी तुम
ReplyDeleteतुम धड़कन तुम्हीं करार
नया रंग है नई अदा है
नई शोखी नया अंदाज !
बहुत ही खूबसूरत। बहुत शानदार। बहुत लुत्फ़ आया इस रचना को पढ़कर।
आपका ये नया अंदाज़ बहुत भाया। 👌👌👌👌👌👏👏👏👏
अति आभार ..कभी कभी कलम को खुला भी छोडिये ..😁😁😁😀😀😀
Deleteकुछ ऐसे ही ख़्वाब। हप से होते हैं पर दिल मेंप्यार जगा जाते हैं .।.
ReplyDeleteप्रेम का सादा अहसास ...
शुक्रिया
Deleteहर लम्हा पहलू से गुजरे
ReplyDeleteधीरे से सहलाये
आहट की ख्वाहिश सी जागे
दस्तक कोई दे जाये ! वाह इंदिरा जी बेहद खूबसूरत रचना
स्नेहिल आभार अनुराधा जी
Deleteबहुत खूबसूरत रचना..
ReplyDeleteनजाकत,वो अहसास और ख्वाहिशों की दस्तक।
शुक्रिया ...बेहतरीन लफ्जों से सवार दिया लेखन को पम्मी जी 👌👌👌👌
Delete🙏सादर आभार रवींद्र जी
ReplyDeleteवाह क्या बात है !!
ReplyDeleteहर लम्हा पहलू से निकले
धीरे से सहलाएँ ।
उमदा मीता बेहतरीन रचना ।
एहसास ए हयात ।
🙏शुक्रिया
Deleteबहुत सुन्दर ! ख्वाहिशों की आहट और फिर उनकी लुका-छुपी, फिर कहीं दूर उनका ओझल हो जाना. लेकिन जाते-जाते भी ये ख्वाहिशें अपनी खुशबू तो छोड़ ही जाती हैं.
ReplyDeleteमन मोहक विश्लेषण gopesh ji नमन
ReplyDeleteवाह्ह...रूमानियत से लबरेज...क्या कहने बेहद दिलकश...👌👌👌👌
ReplyDeleteअहसास तो अनछुआ ही रहता है
ReplyDeleteऔर हर लम्हा उसकी छुअन का अहसास हो
तब बेकरारी बढ़ती है
"जिया न जाये ... रहा न जाये" वाली फीलिंग चलती है।
एक तड़फ लगती है
और सीमा टूट कर लगता है कि एक आहट ही सही पर उसी की हो।
उम्दा रचना।
मेरे ब्लॉग पर स्वागत रहेगा।