शिक्षक ...✒
हिय धरा पर ज्ञान की
जो बहाये गंग
गुरु पारिजात पुष्प सम
ईश्वर सा सम्बन्ध !
तिमिर काल में ज्योति सम
भरे उजास उमंग
जीवन में मुक्ता मणि जैसा
सदा रहे वो संग !
निस्वार्थ भाव हिय में धरे
ना कोई स्वारथ जान
गुरु .पितु मात इन तीनों को
ईश्वर अपना मान !
डा इन्दिरा .✍
स्व रचित
5 .9 . 2018
बहुत सुन्दर रचना सखी
ReplyDeleteमाता -पिता हमारे प्रथम शिक्षक होते हैं।
शिक्षक दिन की बहुत सारी शुभकामनाएं
बहुत सुंदर रचना 👌 इंदिरा जी शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteबेहद सुंदर गुरु की गुरुता की महत्ता का गुणगान 👌👌
ReplyDeleteवाह! बहुत खूब!!!
ReplyDeleteबहुत सुंदर गुरु को उच्चतम स्थान पर स्थापित करते अनुफम भाव लिये सुंदर रचना ।
ReplyDeleteसभी की सराहना का आभार ...🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteबहुत खूब
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