चंद अल्फाज ... ☘ हर बात पर गहरी वो नजर रखते है वफा हो या बेवफाई कायदे से निभा लेते है ! ☘ ना उम्र का जिक्र हो ना अल्फाजों का बंधन यहां इश्के कशिश जारी जो देखें केवल मन ! ☘ चंद अशआर ना...
पापी पेट ... भरी दोपहरी भरा हौसाला तपन बाहर भीतर सब एक अगन भूख की मन झुलसाती सूरज की आग सेंकती देह ! छोटी उम्र हौसले भारी धूप अलाव सी जला करें कलम उठाने वाले कर जब बोझ ग्रहस्थी आ...
मिलन ... बालपने की सखी सहेली वृद्ध अवस्था जाय मिली भूल गई पीड़ा जीवन की एक दूजे से गले मिली ! वही ठहाका वही खुशी थी बात बात पर था हँसना बचपन की सुनी गलियों में दोनों का पुनि जा बसन...
अबला / उर्वरा हुंकार उठी सिंहनी अब दुर्गा अवतारी है कितने भी भैरव आ जाये एक अकेली भारी है ! रणचण्डी जब जाग्रत होती खण्डन हो या मण्डन हो खर खप्पर भरे रक्त से अरि मुन्डो का छेदन ...
धुंधलाये अहसास ... तू चल में आया जैसा नाता बड़ा विचित्र नजर आता साथ साथ रहते है फिर भी यायावर सा सब लगता ! यही हो रहा सब के संग में कोई किसी के साथ नहीं साथ साथ रहने का भ्रम साथी है ज...
उपालम्भ .... भौंचक रह गये ज्ञानी उधो बुद्धि लगी चकराने भोली ग्वालिन अनपढ़ जाहिल कैसो ज्ञान बखाने ! तभी तमक कर बोली ग्वालिन का आये हो लेने मूल धन तो अक्रूर जी ले गये तुम आये क्या ...